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Why did Giani Raghbir Singh file a petition against SGPC in the High Court? In Hindi

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 🔴 हाईकोर्ट में अर्जी मार्च 2025 में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पद से हटाए गए ज्ञानी रघबीर सिंह ने अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्हें आशंका है कि उन्हें बिना किसी सूचना या अवसर के श्री दरबार साहिब के हेड ग्रंथी के पद से भी हटाया जा सकता है। 🔴 राजनीतिक साजिश का शिकार ज्ञानी रघबीर सिंह का मानना है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) में चल रही अंदरूनी राजनीति के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि एसजीपीसी अध्यक्ष, सचिव और प्रबंधक को उनके खिलाफ कोई भी भेदभावपूर्ण कार्रवाई करने से रोका जाए। 🔴 अकाली दल के फैसले का असर याचिका में ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि 2 दिसंबर 2024 को अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल को "नैतिक विफलता" के आरोप में पार्टी नेतृत्व से हटाने का आदेश जारी किया था। उनका दावा है कि इस फैसले से नाराज कुछ पार्टियां अब उन्हें हेड ग्रंथी के पद से हटाने की साजिश कर रही हैं। 🔴 धार्मिक मर्यादा की रक्षा ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि मार्च 2025 में जत्थेदार के पद से हटाए जाने के बाद उन्हें श्री हर...

Biography of Piara Singh Khabra, the first Sikh member of the British Parliament.

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 पियारा सिंह खाबरा: सिख इतिहास में एक गौरवशाली नाम ब्रिटिश सिख समुदाय और सिख इतिहास को 19 जून 2007 को एक बड़ी क्षति हुई, जब ब्रिटिश संसद के पहले सिख सदस्य पियारा सिंह खाबरा का 85 वर्ष की आयु में लंदन में निधन हो गया। उनका जीवन और कार्य सिख समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जिन्होंने न केवल ब्रिटेन में सिख पहचान को उभारा, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता के लिए भी संघर्ष किया। पियारा सिंह खाबरा का जन्म 1921 में पंजाब के लुधियाना जिले के एक गांव खाबरा में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब में ही प्राप्त की, लेकिन 1950 के दशक में वे ब्रिटेन चले गए। वहां उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से अपनी पहचान बनाई। खाबरा जी ने समाज सेवा और राजनीति में प्रवेश करके सिख समुदाय की समस्याओं को समझा और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाई। 1992 में वे लेबर पार्टी के टिकट पर ईलिंग साउथॉल से संसद सदस्य चुने गए, जो सिख इतिहास में एक मील का पत्थर था। उनकी जीत ने सिखों को ब्रिटिश राजनीति में प्रतिनिधित्व दिया और युवाओं को राजनीति के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया। संसद में उन्होंने सिख मुद्दों, ...